Tuesday, 1 July 2025

Khud!!





तू खुद के लिए जी, तू ही जीवन है तेरा,

तू ही दर्पण है तेरा,

तू ही तेरी खुशियाँ हैं,

बाकी सब का क्या भरोसा है,

यूं न बचकानी बातों में आना अब,

दुनिया एक छलावा है

यहाँ कौन किसका है,

तू खुद के लिए जी...


तू जननी है,

समर्पित है कर्तव्यों को,

ना राह और डगर तू  भटक,

एक वादा कर यूं करके खुद को माफ,

तू चल और सही राह पर बढ़,

छोड़ इस संसार को तू खुद की ही खोज में निकल,

तू खुद में संपूर्ण है!!


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