क्या खूबसूरत है ये जिंदगी,
ये इतलाते, इतराते बड़े प्यारे से,
इनके मन में कोई बैर नहीं होता,
ना इनमें कोई बड़ा ना छोटा,
क्या लीन हो ये घर बनाते हैं,
और अपनी करिगिरी पर इतरााते हैं,
कोई तोड़ दे अगर,
तो भी क्या खूब रोते हैं,
जो तोड़ता है वही भाग पड़ता है गले लगाकर नया बनाने को,
हमसे बड़ी अलग है इनकी जिंदगानी,
ये तमाशा नहीं बनाते ना ही देखते हैं किसी का,
नाजुक से हाथों से फिर बनाते हैं घर,
क्या खूब प्यार लुटाते हैं,
इन्हें किसी की याद नहीं सताती है,
कोई ना मिल पाए तो आंख नहीं भर आती है,
ये हरफनमौला होते हैं,
ये दिल भी नहीं दबाते हैं,
आज किसी को कल किसी को,
बड़ी आसानी से हटने और लगने वाले दिल,
क्या दिल में एहसास जिंदा रख पाते हैं,
सदा के लिए बस उसी का होकर रहना,
मन ही मन,
बड़ी भोली सी, आसान सी है इनकी जिंदगी,
सब सच,
ये नन्हे से फरिश्ते,
जिनमें कोई होड़ नहीं है,
कोई भी चोर नहीं है,
ये नायाब हैं,
उस ऊपर वाले की अमानत हैं,
तो क्या हम इनकी रूह को बदल डालते हैं?
No comments:
Post a Comment