अगर जुनून हो सिर पे तेरे
और अन्तर मे हो विश्वासमकसद मे सच्चाई है तो
सीना ठोक के यही कहो,
मकसद मे सच्चाई है तो
सीना ठोक के यही कहो
झुकना होगा दुनिया तुमको
विश्वास पे अपने खड़े रहो
अड़े रहो,
दुनिया बदली है जिसने भी।।
पहले उसको इंकार मिला
दुनिया बदली है जिसने भी।।
पहले उसको इंकार मिला
अपमानों का हार मिला
और तानों का उपहार मिला
आ विश्वास मे अब विश्वास करो
और लहरों के विपरित बहो
हाथो मे विजय मसाल लिए
विश्वास पे अपने खड़े रहो
विश्वास पे अपने खड़े रहो
अड़े रहो, अड़े रहो
अपने सपने तुम स्वयं चुनो
और बुन लो विश्वास की डोरी से
अपने सपने तुम स्वयं चुनो
और बुन लो विश्वास की डोरी से
तुम विजय गर्जना के नायक
तुमको क्या करना लोरी से
तुम स्वयं सिद्ध इस जीवन के
उन्मुक्त गगन मे उड़े चलो
आरंभ आज से नवयुग का
विश्वास पे अपने खड़े रहो
विश्वास पे अपने खड़े रहो
अड़े रहो, अड़े रहो!
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